छात्रा के जहरीला पदार्थ खाने के बाद घटना की जांच को लेकर छात्र संगठनों ने किया चक्काजाम

अशोकनगर । परीक्षा से वंचित छात्रा द्वारा जहर खाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। बुधवार को छात्र संगठनों ने उक्त घटना के विरोध में ज्ञापन सौंपे। साथ ही निष्पक्ष जांच की मांग की। गौरतलब है कि शासकीय नेहरू स्नातकोत्तर महाविद्यालय में 3 मार्च से आरंभ हुई बीए तृतीय वर्ष की परीक्षा में एक छात्रा देर से पहुंची। इस पर उसे प्रवेश नहीं दिया गया। परीक्षा से वंचित होने पर निराश छात्रा ने जहरीला पदार्थ खा लिया था। हालत बिगड़ने पर उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उपचार जारी है। उक्त घटना के विरोध में बुधवार को छात्र संगठनों ने मुख्य सड़क पर जाम लगा दिया। साथ ही एसडीएम को एक ज्ञापन सौंपकर मामले की कमेटी द्वारा जांच किए जाने की मांग की। 




 



बुधवार को महाविद्यालय में एक ओर परीक्षा चल रही थी तो दूसरी ओर छात्र संगठन घटना को लेकर विरोध की मुद्रा में शहर की मुख्य बायपास सड़क पर देखे गए। दोपहर 12 बजे के बाद छात्रों ने पहले कॉलेज परिसर में नारेबाजी की और बाद में विरोध करते हुए मुख्य सड़क मार्ग पर पहुंचे। जहां कॉलेज के ठीक सामने वाले हिस्से की सड़क पर बैठकर जाम लगा दिया। लगभग 45 मिनट तक छात्रों का विरोध प्रदर्शन चलता रहा। जाम की खबर लगते ही मौके पर एसडीएम सुरेश जादव, तहसीलदार इशरार खान, एसडीओपी गुरुवचन सिंह, टीआई प्रेमप्रकाश मुदगिल सहित प्रशासनिक अमला पहुंचा और छात्रों से चर्चा की। इस दौरान छात्रों ने घटना को लेकर अपना रोष जताया और एनएसयूआई, विद्यार्थी परिषद तथा डीएसओ की ओर से एसडीएम को ज्ञापन सौंपे गए।


 

एनएसयूआई जिलाध्यक्ष सचिन त्यागी के साथ छात्रों ने उच्च शिक्षा मंत्री के नाम सौंपे ज्ञापन में कहा है कि छात्रा को बीए फायनल की परीक्षा में लेट आने पर परीक्षा देने से रोका गया। इससे छात्रा ने जहर खा लिया और उसकी हालत गंभीर है। छात्रा का कहना है कि उन्हें परीक्षा प्रभारी द्वारा कक्ष में प्रवेश नहीं दिया गया। ऐसे में एनएसयूआई की मांग है कि संबंधित मामले की जांच की जाए और संबंधित के विरुद्घ निलंबन की कार्रवाई की जाए।


 

इधर, विद्यार्थी परिषद की ओर से रोहित कौशल ने सौंपे ज्ञापन में कहा है कि प्रो. एसके तिवारी को छात्रा को परीक्षा में नहीं बैठने दिया, जिसका उन्हें अधिकार नहीं था। अतः पूरे घटनाक्रम की निष्पक्ष जांच की जाए व दोषियों पर निलंबन की कार्रवाई की जाए। उधर डीएसओ की ओर से महाविद्यालय संयोजक अनुराग सागर ने कहा है कि छात्रा के भविष्य को ध्यान में रखते हुए उसे परीक्षा में शामिल किए जाने का हर संभव प्रयास किया जाना था। बिलंब से आने वाले छात्रों के लिए अलग से परीक्षा आयोजित की जाना थी। मानवीय संवेदनाओं का कोई ध्यान नहीं रखा गया। उक्त ज्ञापन की प्रति महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अशोक कुमार शर्मा को भी सौंपी गई है। इस दौरान छात्रों ने एसडीएम को महाविद्यालय में व्याप्त समस्याओं से भी अवगत कराया और छात्र समस्याओं के दौर से गुजर रहे हैं। न महाविद्यालय में लैब में कोई सामग्री है, न पुस्तकालय की ठीक व्यवस्था है। ऐसी अनेक समस्याएं व्याप्त हैं।


छात्र संगठनों की ओर से ज्ञापन सौंपे गए हैं। इसमें छात्रा को परीक्षा में प्रवेश नहीं दिए जाने पर कार्रवाई की मांग की गई है। छात्र संगठनों की मांग को लेकर एक समिति गठित की जाएगी। जो मामले की जांच करेगी। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उस आधार पर दोषियों के विरुद्घ कार्रवाई की जाएगी।


सुरेश जादव, एसडीएम


महाविद्यालय में 3 मार्च से परीक्षाएं शुरू हुई हैं। बीए फायनल का पहला पेपर था, जिसमें 4 छात्र-छात्राएं बिलंब से पहुंचे थे। परीक्षा को लेकर नियम है कि 30 मिनट देरी से आने तक छात्रों को प्रवेश दिया जा सकता है। उससे अधिक बिलंब से आने पर प्रवेश नहीं दिया जा सकता। इससे प्रवेश नहीं दिया गया था। छात्र संगठनों ने जो ज्ञापन दिए हैं उक्त आधार पर प्रशासन को भी प्रति सौंपी गई है। जो भी जांच के बिंदू हैं, उन पर नियमों के तहत जांच की जाएगी।


डॉ. अशोक शर्मा, प्राचार्य, नेहरू महाविद्यालय


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