जिला अस्पताल में लाइट न होने पर मोबाइल की रोशनी में मरीजों का किया उपचार

अशोकनगर । जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाएं दम तोड़ती नजर आ रही है। एक ओर कुत्ते के काटने के इंजेक्शन नहीं है। रक्तदान शिविर आयोजित नहीं हो रहे। ऊपर से जो सुविधाएं है उनका भी लाभ मरीजों को नहीं मिल रहा है। अस्पताल की कमियां हर रोज मीडिया की सुर्खी बन रही हैं। बीती रात जब बिजली नहीं होने के बाद जनरेटर भी चालू नहीं हुआ तब अस्पताल के स्टाफ को मोबाइल की रोशनी में मरीजों का उपचार करना पड़ा। जिसके बाद कलेक्टर रविवार की सुबह जिला अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचीं। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि इस तरह की गलतियां किसी भी स्तर पर माफी योग्य नहीं है। इसके लिए दोषियों पर कार्रवाई की जाए।


कलेक्टर डॉ. मंजू शर्मा ने जिला अस्पताल का निरीक्षण करने के दौरान सबसे पहले वह डॉक्टरों के ड्यूटी रूम में पहुची। जिसके बाद उन्होंने कहा कि 10ः30 बजे तक हर हाल में वार्डों का निरीक्षण हो जाए और ओपीडी में डॉक्टर पहुंच जाना चाहिए। इस दौरान उन्होंने आईसीयू वार्ड का निरीक्षण किया और कहा कि यहां चादर साफ होना चाहिए। उन्होंने मेले चादरों पर नाराजगी जताई। इस दौरान उन्होंने पूछा कि शव वाहन जब अस्पताल प्रबंधन की सुपुर्दगी में रहता है तब उस वाहन से बैटरी कैसे चोरी हो गई। यह लापरवाही है। इस पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने कहा कि जो बैटरी चोरी गयी है उसे शव वाहन में जिम्मेदार लोगों के द्वारा लगवाया जाए। उन्होंने पूछा कि जब बिजली जाती है तब जनरेटर तत्काल चालू होना चाहिए फिर रात्रि में जनरेटर क्यों चालू नहीं किया गया। 30 मिनिट तक वार्डों में अंधेरा फैला रहा। उन्होंने पूछा जनरेटर की ड्यूटी किसकी है इसकी गलती पर कार्रवाई की जाए।


 

इस दौरान बारी-बारी से अव्यवस्थाओं को लेकर सिविल सर्जन डा हिमांशु शर्मा से चर्चा की। सफाई से लेकर उन्होंने रविवार को ओपीडी खुलती है, मरीज आते है फिर उन्हें दवा भी वितरित होना चाहिए। दवा न मिलने से मरीज परेशान होते है। उन्होंने सिविल सर्जन से कहा कि आपका स्टाफ आपके कंट्रोल में नहीं है ऐसे स्टाफ को हटा दीजिए। हर रोज जिला अस्पताल में एक न एक समस्या सामने आती है। जब जिला अस्पताल के निरीक्षण के दौरान महिला गीताबाई की समस्या को लेकर परिवार के लोगों ने उन्हें अवगत कराया तब कलेक्टर ने 5 हजार रुपये की राशि का चैक उसे प्रदान करने के आदेश दिए।


 

सिविल सर्जन डा हिमांशु शर्मा ने बताया कि इस दौरान शव वाहन की बैटरी चोरी होने पर भावना सिक्योरिटी कंपनी को लिखा गया है। सिक्योरिटी कंपनी के खाते से उक्त राशि वसूल की जाएगी। जिस प्रसूतका को पिछले दिनों बच्चा हुआ था और उसके कोई परिचित नहीं है उक्त महिला को भरतपुर में अपना घर भेजने का सुझाव दिया है। इसी दौरान जनरेटर के मामले में जो जिम्मेदार अधिकारी राजेश कुमार है उसे भी ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी के मानदेय का इस माह आहरण न करने के आदेश दिए गए है। जिला अस्पताल में बिजली चालू व बंद करने की जिम्मेदारी अब सिक्योरिटी कंपनी को दी गई है। ब्लड डोनेशन के लिए शिविर लगाए जाने की शुरूआत की जा रही है। अचानक कलेक्टर के इस भ्रमण से जिला अस्पताल प्रबंधन सकते में आ गया। सिविल सर्जन द्वारा जिम्मेदार लोगों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किए जा रहे है। इस दौरान एसडीएम सुरेश जादव व तहसीलदार इशरार खान भी मौजूद थे।


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