भिंड / मेहगांव मीट मंडी में मरे मुर्गे-मुर्गियों में बर्ड फ्लू वायरस की पुष्टि के बाद जिला प्रशासन ने जिले में अंडे, मुर्गे-मुर्गी की खरीद फरोख्त के साथ ही इनके लाने-ले जाने पर प्रतिबंधित लगा दिया है। मेहगांव में बुधवार को घरों और दुकानों में तलाशी अभियान शुरू किया गया है जहां भी अंडे, मुर्गे-मुर्गी मिल रहे हैं, उन्हें नष्ट कराने और सैंपल लेने की कार्रवाई की जा रही है।मेहगांव के साथ ही भिंड में भी कुछ स्थानों पर पक्षी मरे हुए पाए गए हैं। इनके नष्ट कराने के साथ ही सैंपल भी लिए गए हैं। बर्ड फ्लू का वायरस पक्षियों से मानव में पहुंच जाता है इसलिए इसको लेकर प्रशासन द्वारा अलर्ट किया जा रहा है। मेहगांव में खेड़ापति हनुमान मंदिर परिसर और माता मंदिर के निकट कौए और कबूतर मृत पाए गए। इसी प्रकार भिंड शहर में कलेक्टर बंगले सहित कुछ अन्य स्थानों पर कौए मृत मिले हैं। इसके पहले डाइट परिसर में भी कौए मरे पाए गए थे। इनके सैंपल भी जांच के लिए लैब में भिजवाए गए हैं। बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद जिले में अंडे, मुर्गे-मुर्गी की खरीद फरोख्त और परिवहन पर आगामी आदेश तक के लिए रोक लगा दी गई है।
अंडे, मुर्गे- मुर्गी नष्ट कराने का दिनभर चला अभियान
उप संचालक पशु चिकित्सा अधिकारी एनएस सिकरवार के निर्देशन में मेहगांव में गुरुवार को दिनभर कार्रवाई चली। पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रिया शुक्ला व नगर परिषद सीएमओ राघवेंद्र शर्मा के नेतृत्व में हाट बाजार में अभियान चलाकर महावीर वर्मा, हफीजे खान, शमशाद खान, रिहान खान, साबू खान के यहां मुर्गे-मुर्गी व बतखों को नष्ट कराया गया। भिंड से पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. केशव चौहान और पुष्पेंद्र सिंह कुशवाह भी मेहगांव पहुंचे।
कलेक्टर की चेतावनी- मीट मंडी में कारोबार न करें, नहीं तो होगी कार्रवाई
कलेक्टर छोटे सिंह एवं एसपी नगेंद्र सिंह गुरुवार को दोपहर बाद शहर की मीट मंडी में पहुंचे जहां कारोबारियों से कहा कि बर्ड फ्लू का प्रभाव रहने तक सावधानी बरतें। अगर रोक के बाद भी कोई कारोबार करेगा तो उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों ने कहा कि जान से बढ़कर कुछ भी नहीं है। अगर जान रही तो फिर कमा लोगे। इसके साथ ही शासन से नियमानुसार नुकसान की भरपाई का भी भरोसा दिलाया।
कोरोना: बोर्ड परीक्षाएं स्थगित रावतपुरा धाम पर भी प्रवेश बंद
कोरोना के संक्रमण की आशंका के चलते माध्यमिक शिक्षा मंडल की 10वीं व 12वीं की परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। न्यायालय में पक्षकारों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। अभिभाषक संघ का होने वाला चुनाव भी टाल दिया गया है। धर्म स्थलों पर भी दर्शनार्थियों के प्रवेश पर मंदिर प्रबंधन रोक लगा रहे हैं। विभिन्न विभागीय अधिकारी-कर्मचारियों को कोरोना से बचाव के लिए जानकारी देने के लिए कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं।
कोरोना संक्रमण को लेकर माध्यमिक शिक्षा मंडल ने 10वीं और 12वीं की मुख्य परीक्षाओं के 20 से 31 मार्च के बीच होने वाली विभिन्न विषयों की परीक्षा स्थगित कर दी गई है। इसके साथ ही इन परीक्षाओं के केंद्रीय मूल्यांकन को भी 31 मार्च तक स्थगित कर दिया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी हरभवन सिंह तोमर ने बताया इसी प्रकार 5वीं व 8वीं की बोर्ड पैटर्न पर कराई जा रही परीक्षाओं को भी स्थगित किया गया है। जिला न्यायालय भवन में आमजन का प्रवेश रोक दिया गया है। वहीं जीवाजी यूनिवर्सिटी की परीक्षाएं भी 31 तक स्थगित की गई हैं।
महंगी मिली सब्जी
शहर में शाम को ऐसी अफवाह उड़ी कि सब्जी मंडी पांच अप्रैल तक बंद कराई जा रही है। इस पर बड़ी संख्या में लोग सब्जी मंडी में सब्जी लेने पहुंचे। वहीं मौके का फायदा उठाकर दुकानदारों ने भी सब्जियों के दाम बढ़ा दिए। बता दें कि शासन और प्रशासन ने मंडी बंद करने का कोई आदेश नहीं दिया है।
रावतपुरा धाम मंदिर बंद
जिले के प्रसिद्ध धर्म स्थल रावतपुरा सरकार लोक कल्याण ट्रस्ट प्रबंधन ने यह निर्णय लिया है कि आगामी आदेश तक रावतपुरा धाम मंदिर परिसर में दर्शनार्थियों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। सभी श्रद्धालुओं से अपेक्षा की गई है कि वे जहां से वहीं से प्रार्थना करें। इसके साथ ही इस आपदा के जल्दी निवारण के लिए प्रयास करें।
संदिग्ध के सहयात्रियों में एक को निगरानी से मुक्त किया
स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना संदिग्ध के सहयात्री रहे दो लोगों को निगरानी में रखा गया था। इनमें से एक को आज मुक्त कर दिया गया। डीएचओ डॉ. देवेश शर्मा ने बताया बुधवार की शाम एक व्यक्ति के बारे सूचना मिली थी कि वह कोरोना संदिग्ध का सहयात्री रहा है लेकिन यह सूचना गलत साबित हुई इसलिए आज उसे निगरानी से मुक्त कर दिया गया है। अब केवल एक युवती निगरानी में है उसमें भी अब तक बीमारी के काेई लक्षण नहीं मिले हैं।
सेनेटाइजर से धुलाए हाथ
कोरोना वायरस के चलते न्यायालयों में पक्षकारों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है। गुरुवार को जिला न्यायालय परिसर में सिर्फ न्यायाधीश, अधिकारी- कर्मचारी व वकीलों को सेनेटाइजर से हाथ धुलवाने के बाद अंदर प्रवेश कराया जा रहा है। वहीं पक्षकारों को गेट के बाहर ही रोक दिया गया।