कटंगी। तिरोड़ी थाना अंतर्गत ग्राम बोनकट्टा में डेढ़ वर्ष पूर्व घटित बैंक ऑफ महाराष्ट्र के एटीएम को काटकर 10 लाख रुपए की कैश चोरी के एक बहुचर्चित मामले में अहम फैसला सुनाते हुए व्यवहार न्यायालय कटंगी ने सभी पांचों अभियुक्तों को दोषमुक्त कर दिया है। प्रकरण पर विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष द्वारा उक्त प्रकरण की अहम कड़ी रही अभियुक्तों से जब्तशुदा नोट एवं बैंक एटीएम से चुराए पैसों की पहचान प्रमाणित न हो पाने एवं अभियुक्तगण की घटना के समय एटीएम के अंदर उपस्थित होने व फिंगर प्रिंट मेच न हो पाने की स्थिति में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी देवरथ सिंह ने 7 फरवरी को अभियुक्त राहुल, राजकुमार, संपत, संदीप एवं अजय को अपराध प्रकरण क्रमांक 241/2018 धारा 380, 457 भारतीय दंड संहिता 1860 के आरोप से दोषमुक्त कर रिहा करने के आदेश दिए। अभियुक्तगणों की ओर से अधिवक्ता संजय खोब्रागड़े ने पैरवी की। अभियोजन की ओर से विद्वान एडीपीओ सुनील पहेरिया ने पैरवी की। एटीएम से 10 लाख रुपए की कैश चोरी की इस बहुचर्चित वारदात में तिरोड़ी पुलिस सहित जिले के पुलिस महकमे की साख दाव पर लगी हुई थी पुलिस ने मामले में सूक्ष्मता से तफ्तीश करते हुए पांच आरोपियों को हिरासत में लेकर जेल भिजवा दिया था। लेकिन डेढ़ वर्ष तक न्यायालय में चली कार्रवाई के दौरान अभियोजन पक्ष आरोपियों के विरूद्ध पुलिस के आरोपों को साबित करने में विफल साबित हुआ। घटना दिनांक से लेकर दोषमुक्त होते तक सभी अभियुक्तगण जेल में बंद रहे। सभी अभियुक्तगणों ने 500 से अधिक दिन का समय जेल में व्यतीत किया।
यह था मामला
ग्राम बोनकट्टा में संचालित बैंक ऑफ महाराष्ट्र शाखा के एटीएम से 8 जुलाई 2018 की दरमियान रात्रि को अज्ञात चोरों द्वारा एटीएम काटकर 10 लाख 68 हजार 500 रुपए की चोरी की गई थी। चोरों ने गैस कटर से एटीएम काटकर इस चोरी को अंजाम दिया था। तिरोड़ी पुलिस ने उक्त प्रकरण में बैंक मैनेजर सुश्री मुक्ता की प्राथमिक रिपोर्ट अपराध प्रकरण क्रमाक 2000/18 पंजीबद्ध कर जांच करते हुए मामले में अभियुक्त राहुल पिता टोलीराम बोंद्रे निवासी बेला तहसील भंडारा महाराष्ट्र, राजकुमार उर्फ गुड्डू पिता अंकुश हलमारे निवासी ग्राम खापा थाना तुमसर जिला भंडारा, संपत उर्फ संतोष उर्फ पटेल पिता सुखदयाल चौरे निवासी अर्जुनवाड़ी थाना मोहखेड़ जिला छिंदवाड़ा, संदीप पिता विजय प्रकाश रंगारी निवासी बड़ौदा थाना मौदा जिला नागपुर महाराष्ट्र एवं अजय पिता मुरलीधर शेबे निवासी ग्राम बड़ौदा थाना मौदा जिला नागपुर महाराष्ट्र को अलग-अलग जगहों से गिरफ्तार कर धारा 457, 380 भादवि 1860 के तहत आरोपित बनाया गया था। तत्कालीन थाना प्रभारी संतोष पंद्रे के नेतृत्व में मामले की विवेचना करते हुए अभियुक्तगणों से घटना में प्रयुक्त गैस कटर, एलपीजी सिलेंडर व अन्य सामग्री सहित क्वालिश वाहन एमएच 27 एन 0999 एवं एक दोपहिया वाहन की जप्ती की गई थी। विवेचना के दौरान अभियुक्तगणों से आदर्श प्रिंट एवं चांस फिंगर प्रिंट लिए गए थे। न्यायालय ने पुलिस द्वारा प्रस्तुत याचिका के आधार पर सभी आरोपियों को जेल भिजवा दिया था। उक्त प्रकरण में विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा प्रकरण में परिस्थितिजन्य साक्ष्य की संपूर्ण कड़िया युक्तियहुक्त संदेह से परे प्रमाणित नहीं की गई। कड़ियों में महत्वपूर्ण कड़ी जब्तशुदा नोटों की पहचान एवं बैंक एटीएम से चुराए गए पैसों की पहचान एक होना प्रमाणित नहीं की जा सकी। अभियुक्तगण की घटना के समय एटीएम के अंदर उपस्थित होने एवं फिंगर प्रिंट मेच होने की कड़ी प्रमाणित नहीं की गई। अभियोजन युक्तियुक्त संदेह से परे धारा 457, 380 34 भारतीय दंड संहिता 1860 के अपराध के आवश्यक घटक सिद्ध करने में असफल रहा। जिसके परिणामस्वरूप आरोपितगण राहुल, राजकुमार, संपत, संदीप व अजय को धारा 380 एवं धारा 457 भारतीय दंड संहिता 1860 के आरोप से दोष मुक्त किया गया।