कोचेवाही । जनपद पंचायत वारासिवनी के ग्राम पंचायत नरोड़ी, नारवांजपार और अंसेरा के बीच बहने वाली चंदन नदी से पिछले लंबे समय से रेत का खनन व परिवहन का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। नदी में खनन से अधिकांश जगह पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए है। जिससे आगामी बारिश में किसानों को नदी पार करने के दौरान हादसा होने की संभावना बनी रहेगी। किसानों ने बताया कि ग्राम नारवांजपार और अंसेरा के बीच से बहने वाली नदी के वन सीमा और राजस्व विभाग की सीमा से दिनों दिन बढ़ते जा रहा रेत का अवैध खनन का परिवहन और नदी में हो गए बड़े-बड़े गड्ढों से नदी किनारे पेड़ों की जड़े कमजोर हो गई है। जिसके कारण पहली बाढ़ आने पर पेड़ धराशायी होने की आशंका बनी हुई है।
नदी की जलधारा हो गई कम
नदी में होने वाला अवैध खनन जिम्मेदारों द्वारा नहीं रोका गया तो आगामी अप्रैल माह से करीब एक दर्जन गांवों में भूजल स्तर नीचे जाने से हैंडपंप, कुएं सूख जाएंगे। नदी के वन सीमा व राजस्व विभाग की सीमा से देर रात लगभग 12 बजे से सुबह तक माफियाओं के द्वारा रेत का अवैध खनन व परिवहन किया जाता है जो बिना नंबर प्लेट के वाहनों से किया जा रहा है। दिनों दिन नदी से बढ़ रही रेत की चोरी से राजस्व विभाग को सालाना करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ रहा है। इतना सब होने पर भी संबंधित अधिकारी का मौन रहना और माफियाओं पर किसी भी प्रकार की कोई कड़ी कार्रवाई नहीं करने से माफियाओं के हौसले और भी बुलंद हो गए हैं। ग्रामीणों ने रेत खनन पर अंकुश लगाने की मांग की है।