बैहर। प्रदेश सरकार आम जनता के हित में ध्यान के रखते हुए आवासीय व कमर्शियल भूमि कराने के लिए 6 माह से साल भर लग जाते थे उससे बचने के लिए सरकार ने नियमों को शिथिल करते हुए किसान स्वत? ही अपनी भूमि का मद परिवर्तन करा सकता हैं जो कि अब 2 से 3 दिनों में हो जाता है। वहीं पर अनुसूचित क्षेत्र में डायवर्टेड भूमि के क्रय विक्रय अनुमति के लिए 2-2 साल लग जाते है। अनुसूचित क्षेत्र में गैर आदिवासी भूमि को गैर आदिवासी को क्रय-विक्रय में परमिशन की आवश्यकता होती हैं जिसमें आज भी लगभग 1 से 2 साल लग जाते हैं दूर-दूर रहने वालों को पेशी के नाम पर कई बार जिला मुख्यालय जाना पड़ता है। इस परेशानी से बचने के लिए आम जनता अपनी भूमि का मद परिवर्तन कराकर क्रय-विक्रय कर रही है जिससे राजस्व को हानि उठानी पड़ती है। कृषि मद की भूमि व कृषि भिन्न आशय भूमि के पंजीयन में डेढ़ गुने का अंतर हैं जिसका नुकसान शासन को हो रहा है। कमर्शियल भूमि के क्रय-विक्रय में नियमों को शिथिल करते हुए 7 दिन के अंदर या निश्चित समय सीमा के परमिशन देने की व्यवस्था बनाने की मांग की है। एसडीएम गुरूप्रसाद ने बताया कि इसकी अनुमति कलेक्टर बालाघाट द्वारा दिया जाना है। बैहर कार्यालय में प्रतिवेदन जांच कर कलेक्टर के पास भेज दिया जाता है।
डायवर्टेड भूमि के परमिशन में आम जनता को लगते हैं दो साल