ग्वालियर / अफसरों की मनाही के बावजूद सरकारी अस्पतालों में ऐसे मरीज और उनके अटेंडेंट की भीड़ पहुंच रही है, जिन्हें मामूली खांसी-जुकाम, बुखार अथवा अन्य कोई दिक्कत है। मरीजों और अटेंडेंट की बढ़ती संख्या के कारण जहां अस्पतालों में संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है तो वहीं डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ को भी अपना मूल काम करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस कारण अस्पताल प्रबंधन अब भीड़ कम करने के लिए अनाउंसमेंट भी करा रहे हैं। उधर, शहर के प्रमुख रिहायशी क्षेत्रों में बड़े नर्सिंग होम संचालित हो रहे हैं। इनमें भर्ती मरीज और उनके अटेंडेंट कॉलोनियों में जहां-तहां बैठते हैं। इससे क्षेत्र के लोगों को संक्रमण होने का खतरा बढ़ रहा है। सीएमएचओ डॉ. एसके वर्मा का कहना है कि सभी नर्सिंगहोम संचालकों की शुक्रवार को बैठक बुलाई है, जिसमें नर्सिंगहोम संचालकों से कहा जाएगा कि वह अपने यहां आने वाले मरीजों और उनके अटेंडेंट की संख्या को नियंत्रित रखें। साथ ही यह भी तय करें कि इनके कारण क्षेत्र की जनता परेशान न हो।
निगम के सफाई मित्रों ने 900 घरों को किया सैनिटाइज
रक्षा अनुसंधान एवं विकास स्थापना (डीअारडीई) के वैज्ञानिकों ने कहा है कि कोरोना वायरस से डरने की जरूरत नहीं है, केवल इससे बचाव के लिए सावधानी की जरूरत है। वैज्ञानिकों के अनुसार सैनिटाइजर न मिलने पर साबुन, आफ्टर शेव लोशन, फिटकरी व ब्लीचिंग पावडर का भी उपयोग किया जा सकता है। डीआरडीई में शनिवार से 20 वैज्ञानिक कोरोना के संदिग्ध मरीजों के नमूनों की जांच करेंगे। डीअारडीई के निदेशक वैज्ञानिक डॉ. डीके दुबे, डॉ. एके गुप्ता, डॉ. डीटी सेलवम व डॉ. परितोष मालवीय ने पत्रकाराें काे बताया कि राज्य स्वास्थ्य आयुक्त ने राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) को पत्र लिखकर डीआरडीई की प्रयोगशाला को कोरोना विषाणु की जांच हेतु अधिकृत करने के लिए पत्र लिखा था। डीआरडीई ने नीति आयोग सहित रक्षा मुख्यालय व सुरक्षा बलों के लिए सैनिटाइजर का निर्माण किया हैै।