पहली बार 31 मार्च तक ममलेश्वर मंदिर के पट बंद, ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में तीर्थयात्रियों की संख्या घटी

ओंकारेश्वर / ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग में ग्रहण के समय ही मंदिर के कपाट बंद रखे जाते हैं, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है जब वायरस से बचाव के लिए ऐसा करना पड़ा। ममलेश्वर मंदिर को 31 मार्च तक बंद कर दिया गया है। यहां श्रद्धालुओं की भीड़ भी कम हो गई है। वही रेलवे ने कई ट्रेनों को निरस्त कर दिया है। इसमें भुसावल-नागपुर ट्रेन शामिल है। देश में कोरोनावायरस के प्रति बरती जा रही सजगता के क्रम में भारतीय पुरातत्व विभाग ने अपने अधीन प्रदेश के सभी मंदिरों, स्मारकों व धरोहरों को 31 मार्च तक बंद करने के आदेश जारी किए हैं। इसी के तहत मंगलवार को ओंकारेश्वर के ममलेश्वर मंदिर के पट भी बंद कर दिए गए। गेट पर सूचना भी चस्पा कर दी गई है। हालांकि, मंदिर के पुजारी प्रतिदिन की तरह तीन बार आरती कर भोग लगाते रहेंगे। ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में भी दर्शनार्थियों की संख्या काफी कम हो गई है। शाम को मंदिर में एक भी बाहरी तीर्थयात्री दिखाई नहीं दिया। ममलेश्वर मंदिर के मुख्य पुजारी पं. महेश शर्मा ने कहा आम दर्शनार्थियों के लिए भले ही पट बंद किए हैं, लेकिन रोज की तरह तड़के 5 बजे, दोपहर 12.15 तथा रात 8.30 बजे की आरती की जाएगी। यही निर्णय ओंकारेश्वर मंदिर ट्रस्ट को भी लेना चाहिए। व्यवसायी चेतन खंडेलवाल ने कहा तीर्थनगरी के व्यापार पर भी खासा असर पड़ा है। गेस्ट हाउस, होटल, धर्मशालाएं खाली पड़ी हैं। हालांकि, व्यापार से ज्यादा लोगों की सुरक्षा जरूरी है।


ज्योतिर्लिंग : सिंगल कतार व्यवस्था
मंदिर ट्रस्ट सीईओ ममता खेड़े ने बताया ज्योतिर्लिंग मंदिर में सजगता रखते हुए सिंगल कतार की व्यवस्था लागू की है। तीर्थयात्रियों को जागरूक भी किया जा रहा है। सिंगल कतार में भी एक-दूसरे के बीच निश्चित दूरी बनाए रखने की उद्घोषणा की जा रही है।


अमावस्या पर विशेष व्यवस्था करेंगे
23-24 मार्च को चैत्र नवरात्र से पहले अमावस्या है। इस दिन हजारों श्रद्धालु नर्मदा स्नान व ज्योतिर्लिंग दर्शन करने आते हैं। पिछले साल करीब डेढ़ लाख श्रद्धालु आए थे। एसडीएम खेड़े ने बताया भीड़ को नियंत्रित करने का प्लान बनाया जा रहा है। मंदिर से लेकर बस स्टैंड व घाटों पर बेरीकेड्स लगाकर श्रद्धालुओं को धीरे-धीरे छोड़ा जाएगा।


नासिक से 16 बसों से आए श्रद्धालु
कोरोना से बचाव के आग्रह के बावजूद ओंकारेश्वर में सिर्फ महाराष्ट्र के ही श्रद्धालु से आ रहे हैं। मंगलवार सुबह नासिक से 16 बसों से करीब 800 श्रद्धालु ओंकारेश्वर पहुंचे। दल के उमेश अतुलकर ने कहा हमारी भक्ति व आस्था के आगे कोई बीमारी नहीं टिक सकती। ओंकार महाराज स्वयं रक्षा करेंगे। हालांकि दर्शन के तत्काल बाद ही वे लौट गए।


खंडवा जिले में स्थित मैरिज गार्डन, हाॅल, स्कूल, काॅलेज, काेचिंग सेंटर, सार्वजनिक पुस्तकालय, प्ले स्कूल, सार्वजनिक समाराेह, धार्मिक समाराेह के साथ ही 20 से अधिक व्यक्ति उपस्थित वाली सभाएं 31 मार्च तक बंद और प्रतिबंधित की गई है।


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