शक्कर कारखाना खुला तो गन्नाा उत्पादक किसानों को होगा फायदा

कटंगी । क्षेत्र में शक्कर कारखाना और लौह इस्पात कारखानों में रोजगार और निवेश की व्यापक संभावना है। इसके बावजूद जनप्रतिनिधियों व अफसरों का इस ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं है। नेता अपनी चुनावी भाषणों और घोषणाओं में गन्ना उत्पादन किसानों और रोजगार का जिक्र करते हुए शक्कर कारखाना व लौह इस्पात कारखाने की बात तो करते है, लेकिन कभी इस दिशा में कोई पुख्ता कदम नहीं उठाते। इस वजह से क्षेत्र का गन्ना उत्पादन किसान आज भी गन्ने से केवल गुड़ बनाने तक ही सीमित होकर रह गया है। इससे बुरी स्थिति लौह अयस्क मैंगनीज की है। क्षेत्र में प्रचुर मात्रा में मैंगनीज तो है, लेकिन इस्पात कारखाने के अभाव में बड़ी मात्रा में हर साल करोड़ों रुपये के मैंगनीज की चोरी हो रही है। जिससे रसूखदार और भी मालामाल हो रहे है।


बता दें कि यदि शक्कर कारखाना खुलता है तो गन्ना उत्पादक किसानों को फायदा तो मिलेगा ही इसके साथ ही सैकड़ों युवाओं को रोजगार भी मिलेगा, लेकिन बेरोजगारी दूर करने का वादा करने वाले नेता रोजगार के साधन नहीं जुटा पा रहे है। पठार अंचल में बावनथड़ी नदी के किनारे बसे करीब 3 दर्जन से अधिक गांवों में किसान गन्ने का उत्पादन करते है। जिनमें बोनकट्टा, कोड़बी, महकेपार, आंजनबिहरी, बड़पानी, मासुलखापा, गोरेघाट, हरदोली, कन्हड़गांव के अलावा खैरलांजी तहसील के भी करीब दर्जन भर गांव शामिल है। इन गांवों में शानदार प्रजाति का गन्ना टनों से उत्पादन होता है। वहीं कटंगी तहसील के मुंदीवाड़ा, उजाड़बोपली, सेलवा, उमरी में किसान गन्ने का उत्पादन करते है। इन सभी किसानों की गन्ना उत्पादन क्षमता इतनी है कि आसानी से शक्कर कारखाना चल सकता है। कारखाने के अभाव में किसान गुड़ बनाकर बाजार में बेच रहे है जिसमें कई बार किसानों को नुकसान भी हो रहा है। इस वजह से किसानों का गन्ना उत्पादन के प्रति अब धीरे-धीरे रुझान समाप्त होते दिख रहा है।


 

हर साल होता है मैंगनीज चोरी


क्षेत्र में खनिज संपदा प्रचुर मात्रा में है यह बात नेताओं और अफसरों से भी छिपी नहीं है। तिरोड़ी तहसील के ग्राम पौनियां और इसके आसपास के कुछ गांवों में उच्च गुणवत्ता का मैंगनीज मौजूद है जिसकी अवैध तरीके से लूट हो रही है। वहीं प्राइवेट फर्म लीज लेकर खनन कर करोड़ों रुपये कमा रहे है, लेकिन सरकार और अफसर इससे जुड़ा उद्योग स्थापित करने में भी कोई रूचि नहीं दिखा रहा है। जिसके कारण ग्रामीण दिहाड़ी मजदूरी में इन खदानों में काम करने को मजबूर है। क्षेत्र से बीते 15 सालों में बड़ी मात्रा में मैंगनीज की चोरी हुई है। मैंगनीज माफिया हर साल करीब 100 करोड़ रुपये का मैंगनीज चोरी कर रहे है। इस चोरी को सत्ता में बैठे नेताओं के कार्यकर्ता और पदाधिकारी सत्ता की चाबी अपने हाथों में रखने वाले रसूखदार ही अंजाम देते है।


 

इनका कहना है


कटंगी क्षेत्र में विशाल खनिज संपदा व गन्ने की खेती होती है। बावनथड़ी नदी किनारे लगभग आधा सैकड़ा गांव में प्रचुर मात्रा में गन्ना पाया जाता है। मैं इनसे संबंधित उद्योगों को लगवाने के लिए मुख्यमंत्री व उद्योग मंत्री से चर्चा करूंगा।


आशुतोष बिसेन, असंगठित कामगार कांग्रेस मप्र


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