खंडवा / महिला एवं बाल विकास विभाग न्यायपीठ, बाल कल्याण समिति की सदस्यों ने डीपीओ शीतल जोशी पर मानसिक प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। सदस्यों ने इसकी शिकायत कलेक्टर से की है।
आवेदन में बताया कि डीपीओ शीतल जोशी द्वारा बिना अनुमति के शौचालय का इस्तेमाल नहीं करने दिया जाता है। शौचालय में पानी की भी व्यवस्था नहीं है। यदि पानी डालने का कहते है तो अपने भाई के कलेक्टर ऑफिस में होने का कहकर नौकरी से निकलवाने की धमकी देती है। इसके अलावा हमें 11 महीने की सैलरी भी नहीं दी गई है। साथ ही कर्मचारी एक्ट के नियम अनुसार सुविधाएं भी नहीं दी जा रही हैं। सीडब्लूसी सदस्य शिल्पी राय व अनीता शाह ने बताया इससे पहले भी कई बार डीपीओ मेडम द्वारा हमें परेशान किया जा चुका है। पिछले महीने बेंच लगने के 10 दिन पहले हमारा ऑफिस बंद करके हमें बाहर कर दिया था। यहां बेरोकटोक लोगों का भी आना-जाना लगा रहता है। रात भी रुका जाता है। यहां की सारी हरकत यहां लगे सीसीटीवी कैमरों के वीडियो फुटेज में है। 26 जनवरी को भी यहां कुछ लोग रात रुके थे। यहां बिस्तर भी लगे पाए गए। हमारी गोपनीयता भंग की जा रही है। कार्यालय को शराबखाना बना दिया है। इससे पहले 9 मार्च को भी शिकायत की गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
शौचालय का उपयोग नहीं करने देती डीपीओ, कहती है- मेरा भाई कलेक्टोरेट में है, मेरा कुछ नहीं कर पाओगी