ग्वालियर / पूर्व के विधायक मुन्नालाल गोयल को हाजिर करवाने को लेकर दायर की गई याचिका मप्र हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने खारिज कर दी। जस्टिस एसए धर्माधिकारी ने कहा, एडवोकेट उमेश बौहरे को याचिका दायर करने का अधिकार नहीं है। वह न तो विधायक के रिश्तेदार हैं और न ही उनके मित्र। अस्पष्ट याचिका दायर कर उन्होंने कोर्ट का कीमती समय बर्बाद किया। ऐसे में वह 30 दिन के भीतर 25 हजार रुपए जुर्माना अदा करें, जिसका उपयोग हाईकोर्ट परिसर स्थित डिस्पेंसरी के उत्थान में किया जाए। दरअसल, एडवोकेट उमेश बौहरे ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर करते हुए ग्वालियर पूर्व से कांग्रेस विधायक मुन्नालाल गोयल को हाजिर करवाने की मांग की। गुरुवार को हुई सुनवाई में कोर्ट को बताया गया कि विधायक गोयल बीते नौ दिन से लापता हैं। हालांकि, विधायक गोयल के पुत्र मयंक गोयल की ओर से इंटरवेंशन का आवेदन पहले ही प्रस्तुत कर दिया गया था।उनके वकील अवधेश तोमर ने कोर्ट को बताया कि एडवोकेट बौहरे पूर्व में भी अपने राजनैतिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए इस प्रकार की याचिका दायर करते रहे हैं, जिस कारण कोर्ट द्वारा कई बार उन पर जुर्माना भी लगाया जा चुका है। कोर्ट में मुन्नालाल गोयल का शपथ पत्र भी पेश किया गया, जिसमें उन्होंने बताया कि वह बेंगलुरु में अपने मित्रों के साथ हैं।
विधायक गोयल को हाजिर करवाने की याचिका खारिज, याचिकाकर्ता पर 25 हजार रुपए का जुर्माना