बैहर । न्यायाधीश मधुसूदन जंघेल व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-1 बैहर व पंकज सविता व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 बैहर द्वारा शासकीय मिडिल स्कूल मुक्की तहसील बैहर में विधिक साक्षरता और जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें न्यायाधीश द्वारा विधिक साक्षरता जागरूकता शिविर के माध्यम से स्कूल में उपस्थित छात्र-छात्राओं को जानकारी देते हुए बताया कि हमें राष्ट्रगान, संविधान का पालन करना चाहिए। संविधान भारत का सर्वोच्च विधान है, जो संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर 1949 को पारित हुआ। 26 जनवरी 1950 को प्रभावी हुआ। 26 नवम्बर को भारत के संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। 26 जनवरी के दिन को भारत में गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। तिरंगे झंडे के संबंध में जानकारी देते हुए न्यायाधीश ने बताया कि प्रत्येक राष्ट्र का अपना एक चिन्ह या प्रतीक होता है। जिससे उसकी पहचान बनती है। राष्ट्रीय ध्वज हर राष्ट्रके गौरव का प्रतीक होता है। तिरंगा हमारे देश का राष्ट्रीय ध्वज है। हमारे देश भारत में विविध जातियों, धर्मों और संस्कृतियों का देश है। इसी प्रकार हमारा ध्वज भी भाव प्रधान है। हमारे राष्ट्र के झंडे में तीन रंग है, इसलिए इसे तिरंगा कहते है। झंडे में तीन रंगों की पट्टियां है, जिनका आकार समान है। झंडे के सबसे ऊपर केसरिया रंग है जो वीरता और शौर्य को प्रकट करता है बीच का हिस्सा सफेद रंग का है, जो पवित्रता, त्याग भावना व सादगी का प्रतीक है। नीचे के भाग का हरा रंग हमारे देश की हरी भरी धरती और सम्पन्नता को दर्शाता है। हमारी स्वतंत्रता की लड़ाई में तिरंगे की एक मुख्य भूमिका रही। 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद यह हमारा राष्ट्रीय ध्वज बना। न्यायाधीश ने बताया कि प्रत्येक व्यक्ति को लड़ाई झगड़ा नहीं करना चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति से भाई चारा की भावना रखनी चाहिए। मादक पदार्थ का सेवन नहीं करना चाहिए। महिलाओं का सम्मान करना चाहिए। सरकारी संपत्तियों को अपनी संपत्ति समझकर नुकसान नहीं करना चाहिए। एक दूसरे से द्वेष की भावना नहीं रखनी चाहिए। इस शिविर में स्कूल के प्रधानपाठक कुंवरलाल धाकड़े, आत्माराम चंदने, निशाकिरण चंदने, आशा भगत, अनिल चौधरी, संगीता पटले, संतोश बरमैया, भागनबाई, पनकीन बाई सहित छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
विधिक साक्षरता व जागरूकता शिविर में न्यायाधीश ने दी कानून की जानकारियां